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(Deltin 7 Texas Holdem Hand Probabilities) - Cricket Bet Win big with our gambling platform, Aviator Game Take a Spin at the Online Casino!. बृहस्पति और शनि हमारे सौरमंडल के क्रमश: 2 सबसे बड़े ग्रह हैं। दोनों के पास अपने अनेक उपग्रह यानी चंद्रमा हैं। लेकिन लगता है मानो दोनों के बीच होड़ चल रही है कि किस के पास सबसे अधिक चंद्रमा हैं। सूर्य से शुरू करते हुए देखने पर सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (गुरु/ Jupiter) के बाद 6ठे नंबर पर शनि दिखाई पड़ता है। पृथ्वी से 9.5 गुना बड़े 1,20,500 किलोमीटर व्यास वाले इस ग्रह को पहचानना बहुत आसान है, क्योंकि वह तश्तरीनुमा छल्लों से घिरा हुआ है। कभी बृहस्पति आगे तो कभी शनि : वैज्ञानिकों को पिछले कुछ वर्षों की अपनी खोजों में इन दोनों विराट ग्रहों के नए-नए उपग्रहों का सुराग मिलता रहा है। कभी बृहस्पति (Jupiter) की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों की संख्या बढ़ गई तो कभी शनि (Saturn) के उपग्रहों की संख्या सबसे अधिक निकली। हाल ही की एक नई खोज में एक ही बार में शनि के 62 ऩए उपग्रहों का पता चला। रिंगनुमा वलयों से घिरे इस अनोखे ग्रह के उपग्रहों की कुल संख्या एक ही बार में अब 100 का आंकड़ा पार कर गई है। 5 ही वर्ष पूर्व 2018 की चंद्र-गणना के समय बृहस्पति के 12 नए चंद्रमा मिले थे और वह शनि को पीछे छोड़कर सबसे अधिक चंद्रमाओं का मालिक बन गया था। 2019 में शनि के भी 20 नए चंद्रमाओं का पता चला। 2023 के आरंभ में बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या में 12 और नाम जुड़ गए। इस प्रकार उसके सभी चंद्रमाओं की संख्या बढ़कर 92 हो गई। उस समय शनि के चंद्रमाओं की कुल संख्या 83 थी। कम्प्यूटर आधारित विशेष विधि : शनि के 62 नए चंद्रमा अमेरिका में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्य़ालय के खगोलविदों की खोज हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका के ही हवाई द्वीप पर के एक दूरदर्शी (टेलीस्कोप) को 2019 से शनि पर केंद्रित कर रखा था। टेलीस्कोप द्वारा ली गईं तस्वीरों का उन्होंने कम्प्यूटर आधारित एक विशेष विधि की सहायता से विश्लेषण किया। 'स्टेपल मेथड' नाम की इस विधि से अत्यंत दूर के ऐसे आकाशीय पिंडों का भी पता लगाया जा सकता है, जो केवल ढाई किलोमीटर ही बड़े क्यों न हों। इसे सुनिश्चित करने के लिए, कि जिन पिंडों का पता चला है, वे शनि ग्रह के पास से गुजरते हुए कोई क्षुद्रग्रह (एस्टोराइड) आदि नहीं बल्कि वाकई उस के उपग्रह हैं, पूरे 2 वर्षों तक उनकी परिक्रमा कक्षाओं पर नजर रखी गई। कोलंबिया विश्वविद्य़ालय ने इसकी पुष्टि हो जाने के बाद ही सूचित किया कि शनि ग्रह के 62 ऩए उपग्रह मिले हैं। इसके साथ ही शनि के अब तक ज्ञात उपग्रहों की कुल संख्या बढ़कर 145 हो गई है। हमारे सौरमंडल का वह अकेला ऐसा ग्रह है जिसके पास 100 से अधिक उपग्रह हैं। अनोखी परिक्रमा कक्षाएं : इन सभी उपग्रहों की एक अलग ही विशेषता यह पाई गई है कि उनकी परिक्रमा कक्षाएं वृत्ताकार नहीं, बल्कि दीर्घवृत्ताकर (एलिप्टिकल) हैं और उनका झुकाव शनि के सौर परिक्रमा कक्षा-तल के विपरीत है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शनि के इन नए उपग्रहों की परिक्रमा कक्षाओं में मिले इस अनोखेपन का कारण शनि के ही बड़े आकार के उपग्रहों से कभी उनका टकरा जाना रहा हो सकता है। अनुमान यह भी है कि शनि के ये उपग्रह हमेशा नहीं रहे हैं, बल्कि पिछले 10 करोड़ वर्षों में ही बने हैं। मंगल पर कभी नदियां बहती थीं : हमारे सौरमंडल के पृथ्वी के बाद के चौथे ग्रह मंगल के बारे में अब यह सुनिश्चित लगता है कि उस पर कभी बड़ी मात्रा में तरल पानी बहा करता था। वहां झीलें, सागर और नदियां हुआ करती थीं। मंगल ग्रह पर विचरण कर रहे अमेरिकी रोवर 'पर्सिविअरंस' ने वहां के जेजेरो क्रेटर के ऐसे चित्र भेजे हैं जिनसे पता चलता है कि वहां कभी बलखाती नदियां भी हुआ करती थीं। इन चित्रों से यह संकेत भी मिलता है कि वहां ऐसी कई नदियां और जलधाराएं रही होंगी, जो जेजेरो क्रेटर में अपना पानी उड़ेला करती थीं। क्रेटर के चित्रों में गिट्टियां और रेतीले निक्षेप दिखाई पड़ने को इसका प्रमाण माना जा रहा है। वह जगह, जहां रोवर 'पर्सिविअरंस' को नदियों के निशान मिले हैं, उसे अंतरिक्ष यान आदि में बैठकर दूरदर्शी द्वारा देखा भी जा सकता है। इस जगह को 'श्रिंकल हैवन' नाम दिया गया है। चित्रों में मिट्टी की ऐसी लहरदार परतें भी दिखती हैं, जो बहते पानी से बना करती हैं। मिट्टी की लहरदार परतें : वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये लहरदार परतें कभी बहुत ऊंची और मोटी रही होंगी। मंगल ग्रह पर चलने वाली आंधियों जैसी तेज हवाओं ने उनके ऊपरी हिस्से छीलते हुए समय के साथ उनका आकार काफ़ी घटा दिया लगता है। ऐसी परतें पृथ्वी पर भी मिलती हैं किंतु पृथ्वी पर उन पर घास-फूस उग जाने से उनका बहुत अधिक क्षरण नहीं हो पाता। मंगल पर घास-फूस होने के कोई संकेत अभी तक नहीं मिले हैं। 'श्रिंकल हैवन' से 450 मीटर दूर 'पिनस्टैंड' नाम की जगह पर भी पानी के बहाव से बने ऐसे ही कुछ निक्षेप मिले हैं, जो 20 मीटर तक ऊंचे हैं। पृथ्वी पर नदियों आदि की सामग्री से बने इतने ऊंचे निक्षेप नहीं मिलते। वैज्ञानिक बहुत खुश हैं कि मंगल पर कभी पानी रहा होने के पहली बार ऐसे अनपेक्षित निशान मिले हैं। स्मरणीय है कि 'पर्सिविअरंस' को मंगल ग्रह पर वास्तव में बैक्टीरिया आदि जैसे आरंभिक जीवन के निशान ढूंढने के लिए 30 जुलाई 2020 को मंगल ग्रह की दिशा में रवाना किया गया था। 18 फरवरी 2021 के दिन वह मंगल ग्रह के जेजोरो क्रेटर में उतरा था। तभी से वह वहां घूम-फिर रहा है और फोटो लेने के साथ-साथ वहां की मिट्टी और चट्टानों के नमूने भी एकत्रित कर रहा है। Edited by: Ravindra Gupta (इस लेख में व्यक्त विचार/ विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/ विश्लेषण 'वेबदुनिया' के नहीं हैं और 'वेबदुनिया' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेती है।)

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पिता संघर्ष की आंधियों में हौसलों की दीवार है, Cricket Bet, कुछ ही महीनों पहले दक्षिण अफ्रीका और नामिबिया से मध्‍यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीते लाए गए थे। हालांकि पिछले दिनों अलग-अलग कारणों से कूनो में छोटे-बडे मिलाकर तीन चीतों की मौत हो गई। कहा जा रहा है कि कूनो का टेंपरेचर चीतों के मुताबिक नहीं है। ये तो चीतों की प्राकृतिक मौतें थीं, लेकिन अगर चीते वन्‍य क्षेत्र से बाहर आते हैं तो उनकी सुरक्षा का क्‍या। इस बारे में बात करते हुए श्योपुर कूनो वन मंडल के डीएफओ पीके वर्मा ने बताया कि अभयारण्य से सटे बेस गांवों में अब तक 450 से अधिक चीता मित्र तैयार किए गए हैं। चीता मित्रों को वन विभाग की तरफ से खास ट्रेनिंग दी गई है। चीता वहीं, स्थानीय लोगों को चीतों के बारे में जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है। मसलन, अगर चीता गांव के पास या रहवासी इलाकों में पहुंच जाए तो उस पर कोई हमला न करे। बता दें कि पिछले दिनों श्‍योपुर और ग्‍वालियर के जंगलों से वन्‍य जीवों के शिकार की कई खबरें आई थी। एक घटना में तो शिकारियों ने वनविभाग के अमले पर हमला कर दिया था, जिससे दो पुलिसकर्मी मारे गए थे। ऐसे में कूनो में बाघों और चीतों की सुरक्षा को लेकर इस बार पुख्‍ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 2021 में ओवल में 157 रन से जीत दर्ज की थी और तेंदुलकर ने कहा कि उसमें से जुड़ी अच्छी यादें भारत के काम आएंगी।उन्होंने कहा,‘‘ निश्चित तौर पर। जब आपके पास इस तरह की अच्छी यादें हों तो वे आपके साथ बनी रहती हैं। भारतीय टीम को यह नहीं भूलना चाहिए कि पिछली बार उसने यहां शानदार परिणाम हासिल किया था। उन्होंने मैच जीता था और जैसे मैंने कहा कि अच्छी यादें लंबे समय तक आपके साथ बनी रहती हैं।’’ Deltin 7 Live Edge of Your Seat Thrills! Take a Spin at the Online Casino! the night manager 2: अनिल कपूर की वेब सीरीज 'द नाइट मैनेजर' के दूसरे सीजन का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। द नाइट मैनेजर के पहले सीजन को ओपन एंडिंग देने की मेकर्स की तरकीब सीरीज के लिए काफी अच्छी साबित हुई। क्योंकि अब लोग इसको और उत्सुकता और सस्पेंस के साथ देखने के इच्छुक हैं।

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कैसे होता था धर्मांतरण?-गाजियाबाद में दो नाबालिग किशोरों के परिजनों ने अपने बच्चों के धर्मांतरण की शिकायत पुलिस से दर्ज कराई थी। पुलिस की ‌जांच में पता चला कि आरोपियों ने न सिर्फ उनका धर्म परिवर्तन कराया बल्कि उन्हें पांच वक्त का नमाजी तक बना डाला। पुलिस जांच में पता चला कि इन किशोरों के साथ कुछ मुस्लिम लड़के नाम बदल कर ऑनलाइन गेम फॉर नाइट गेम ऐप पर खेलते थे, गेम हारने पर उन्हें जीतने के लिए जाकिर नाइक की आयतें पढ़वाई जाती थी,जिसके बाद उन्हें जिता कर आयतों पर भरोसा दिलाया जाता था। Play Poker Online, बालाघाट। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में कान्हा टाइगर रिजर्व (केटीआर) के पास घायल अवस्था में मिले 15 वर्षीय एक बाघ ने दम तोड़ दिया। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। रविवार को दोपहर में कुछ स्थानीय लोगों ने केटीआर के सीमा क्षेत्र के कोहका गांव में एक तालाब में बाघ टी-30 को घायल पड़ा देखा और वन अधिकारियों को इसकी सूचना दी। केटीआर के क्षेत्र निदेशक एसके सिंह ने बताया कि सूचना मिलने के बाद वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने बताया कि जांच में टीम ने पाया कि बाघ वृद्ध और कमजोर है। उन्होंने कहा कि बाघ को बचाने के प्रयास किए जा रहे थे लेकिन रविवार शाम उसकी मौत हो गई। अधिकारी ने कहा कि ऐसा संदेह है कि बाघ किसी अन्य बाघ या जानवर के साथ लड़ाई के दौरान लगी चोटों से उबर नहीं सका। उन्होंने कहा कि मृत बाघ का पोस्टमार्टम सोमवार को किया जाएगा जिससे उसकी चोटों के बारे में भी पता चलेगा। मध्यप्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना सहित कई टाइगर रिजर्व हैं।(भाषा)(सांकेतिक चित्र) Edited by: Ravindra Gupta

Get your Game on at the Online Casino Deltin 7 Kabaddi Betting App Edited: By Navin Rangiyal/Bhasha लंदन में Kennington Oval ने अब तक 105 टेस्ट मैचों की मेजबानी की है। ऑस्ट्रेलिया और इंडिया का प्रदर्शन इस ग्राउंड में कुछ खास नहीं रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने यहां 38 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 7 जीत, 17 हार प्राप्त की है, 14 मैच उनके ड्रॉ रहे हैं वहीँ, भारत ने यहां 14 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से 2 जीत, 5 हार और 7 मैच ड्रॉ रहे।

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चंडीगढ़। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक कथित पाकिस्तानी ड्रोन को भारतीय क्षेत्र में घुसने के बाद मार गिराया। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बीएसएफ के जवानों ने अमृतसर के पास ड्रोन जैसी कुछ आवाज सुनी जिसके बाद उन्होंने गालियां चलाईं। इस दौरान पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा गिराई गई 2 किलोग्राम से अधिक हेरोइन (मादक पदार्थ) जब्त की। प्रवक्ता ने बताया कि एक अलग घटना में सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने तरनतारन जिले में एक अन्य पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा गिराई गई 2 किलोग्राम से अधिक हेरोइन (मादक पदार्थ) जब्त की। प्रवक्ता के मुताबिक बुधवार रात 9 बजे बीएसएफ के जवानों ने अमृतसर में भैनी राजपुताना गांव के पास ड्रोन जैसी कुछ आवाज सुनी जिसके बाद उन्होंने गालियां चलाईं। उन्होंने बताया कि बीएसएफ और पंजाब पुलिस द्वारा एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान उन्हें गांव के बाहरी इलाके में राजताल-भारोपाल-डोके तिराहा से सटे एक खेत में ड्रोन क्षतिग्रस्त हालत में मिला। प्रवक्ता के अनुसार बरामद ड्रोन डीजेआई मैट्रिस 300 आरटीके श्रृंखला का एक 'क्वाडकॉप्टर' है। उन्होंने बताया कि ठीक उसी समय बीएसएफ जवानों ने तरनतारन में पाकिस्तान की ओर से एक ड्रोन को वान गांव के पास आते देखा और उसे रोकने की कोशिश की। प्रवक्ता के मुताबिक कुछ देर बाद जवानों ने वान की ओर से आ रही एक संदिग्ध मोटरसाइकल को देखा और उसे रुकने का इशारा किया। हालांकि मोटरसाइकल सवार मारी कंबोके गांव की ओर भाग गया। प्रवक्ता ने बताया कि बीएसएफ के जवानों ने मोटरसाइकल का पीछा किया, लेकिन यह बाद में गांव में लावारिस मिली। प्रवक्ता ने बताया कि गांव की घेराबंदी की गई और तलाशी अभियान के दौरान 1 पैकेट मिला जिसमें से 2 किलोग्राम से अधिक हेरोइन की खेप बरामद की गई। आशंका जताई जा रही है कि ड्रोन से गिराए जाने के बाद इस पैकेट को मोटरसाइकल सवार को आपूर्ति के लिए ले जाना था।(भाषा) Edited by: Ravindra Gupta Aviator Game, हाई कोर्ट की तरफ से यह तर्क दिया गया है कि फूड सेफ्टी एंड स्‍टैंडर्ड एक्‍ट के तहत सरकार नोटिफिकेशन लाने की बात कह रही है। इस कानून में कहीं नहीं लिखा कि सरकार के पास इस तरह से नोटिफिकेशन के माध्यम से कुत्‍तों के मांस पर रोक लगाने का हक है।

ये खबर बिलकुल ग़लत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए। pic.twitter.com/FWYhnqlinC— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 5, 2023 Vip Forum Satta King Desawar Andar Bahar Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में 278 लोगों की मौत हुई और 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए। हादसे के बाद एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया किया कोरोमंडल एक्सप्रेस में करीब 40 यात्रियों की मौत बिजली के झटके से हुई। इस लोगों के शव पर बाहरी चोट का कोई निशान नहीं है। बताया जा रहा है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से यशवंतपुर (बेंगलुरु)-हावड़ा एक्सप्रेस के टकराने से बिजली के तार संभवत: टूट गए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कई शव पहचानने लायक भी नहीं थे। इनमें से लगभग 40 ऐसे शव थे, जिनमें कोई चोट के निशान या कहीं से भी रक्तस्राव नहीं था। इनमें से कई मौतें संभावित रूप से करंट लगने से हुई हैं। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक अधिकारी द्वारा शनिवार को दर्ज कराई FIR में कहा गया कि कि टक्कर और ओवरहेड एलटी लाइन के संपर्क में आने के कारण कई यात्रियों की मौत हो गई। मौत के आंकड़ों पर सवाल : खुर्दा रोड डिविजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) रिंकेश रॉय ने बताया कि इस हादसे में 278 लोगों की मौत हुई है और करीब 1100 लोग घायल हुए हैं। 278 शवों में से 177 की पहचान कर ली गई है जबकि 101 शवों की पहचान बाकी है और इन शवों को 6 अस्पतालों में रखा गया है। इससे पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनके राज्य के ही 61 लोग मारे गए हैं और 182 अन्य अब भी लापता हैं। संदिग्ध मामलों में डीएनए : ओडिशा सरकार ने शवों की पहचान को प्रमाणित करने और फर्जी दावेदारों से बचने के लिए सोमवार को कुछ संदिग्ध मामलों में शवों को वास्तविक रिश्तेदारों को सौंपने से पहले डीएनए नमूने लेना शुरू किया। बिहार के भागलपुर के दो अलग-अलग परिवारों द्वारा एक शव को अपने रिश्तेदार होने का दावा करने के बाद यह निर्णय लिया गया। शव के क्षत-विक्षत अवस्था में होने के कारण उसकी पहचान कर पाना मुश्किल था। राज्य सरकार यह तय करने में असमर्थ हो गई कि शव किसे सौंपा जाए, जिसके बाद उसने दावेदारों का डीएनए नमूना लेने और ऐसे संदिग्ध मामलों में इसे एक सामान्य प्रक्रिया बनाने का फैसला किया।