(Deltin 7 Kabaddi Betting App) - Poker Online Unlock the possibilities with our online casino , Online Casino Real Money India Get the Best Odds With Us!. भारत ने दो साल पहले साउथम्पटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ परिस्थितियों को नजरअंदाज करते हुए दो स्पिनरों को खिलाया था लेकिन यह फैसला उलटा पड़ गया था।द ओवल 143 साल के अपने इतिहास में पहली बार जून में टेस्ट मैच की मेजबानी कर रहा है। भारत रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की स्पिन जोड़ी को खिलाने को लेकर उत्सुक होगा लेकिन इंग्लैंड में गर्मियों की शुरुआत है और तरोताजा पिचों पर चौथा तेज गेंदबाज बेहतर विकल्प हो सकता है।
श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रस्तावित Hybird Model हाइब्रिड मॉडल को खारिज करने के बाद मेजबान Pakistan पाकिस्तान सितंबर में होने वाले एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट से हट सकता है। Pakistan Cricket Board पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के प्रमुख Najam Sethi नजम सेठी द्वारा प्रस्तावित हाइब्रिड मॉडल के अनुसार पाकिस्तान को एशिया कप के तीन या चार मुकाबले स्वदेश में कराने थे जबकि भारत के मुकाबले तटस्थ स्थल पर खेले जा सकते थे। Poker Online, 8 जून को हर साल नेशनल बेस्ट फ्रेंड डे मनाया जाता है। सच्चा और अच्छा दोस्त वह होता है जो अपने मित्र को हमेशा अपने से आगे रखता है। दोस्ती वह पवित्र रिश्ता है जिसमें स्नेह, निकटता और आत्मीयता होती है स्वार्थ के लिए कोई जगह नहीं होती।
बृहस्पति और शनि हमारे सौरमंडल के क्रमश: 2 सबसे बड़े ग्रह हैं। दोनों के पास अपने अनेक उपग्रह यानी चंद्रमा हैं। लेकिन लगता है मानो दोनों के बीच होड़ चल रही है कि किस के पास सबसे अधिक चंद्रमा हैं। सूर्य से शुरू करते हुए देखने पर सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (गुरु/ Jupiter) के बाद 6ठे नंबर पर शनि दिखाई पड़ता है। पृथ्वी से 9.5 गुना बड़े 1,20,500 किलोमीटर व्यास वाले इस ग्रह को पहचानना बहुत आसान है, क्योंकि वह तश्तरीनुमा छल्लों से घिरा हुआ है। कभी बृहस्पति आगे तो कभी शनि : वैज्ञानिकों को पिछले कुछ वर्षों की अपनी खोजों में इन दोनों विराट ग्रहों के नए-नए उपग्रहों का सुराग मिलता रहा है। कभी बृहस्पति (Jupiter) की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों की संख्या बढ़ गई तो कभी शनि (Saturn) के उपग्रहों की संख्या सबसे अधिक निकली। हाल ही की एक नई खोज में एक ही बार में शनि के 62 ऩए उपग्रहों का पता चला। रिंगनुमा वलयों से घिरे इस अनोखे ग्रह के उपग्रहों की कुल संख्या एक ही बार में अब 100 का आंकड़ा पार कर गई है। 5 ही वर्ष पूर्व 2018 की चंद्र-गणना के समय बृहस्पति के 12 नए चंद्रमा मिले थे और वह शनि को पीछे छोड़कर सबसे अधिक चंद्रमाओं का मालिक बन गया था। 2019 में शनि के भी 20 नए चंद्रमाओं का पता चला। 2023 के आरंभ में बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या में 12 और नाम जुड़ गए। इस प्रकार उसके सभी चंद्रमाओं की संख्या बढ़कर 92 हो गई। उस समय शनि के चंद्रमाओं की कुल संख्या 83 थी। कम्प्यूटर आधारित विशेष विधि : शनि के 62 नए चंद्रमा अमेरिका में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्य़ालय के खगोलविदों की खोज हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका के ही हवाई द्वीप पर के एक दूरदर्शी (टेलीस्कोप) को 2019 से शनि पर केंद्रित कर रखा था। टेलीस्कोप द्वारा ली गईं तस्वीरों का उन्होंने कम्प्यूटर आधारित एक विशेष विधि की सहायता से विश्लेषण किया। 'स्टेपल मेथड' नाम की इस विधि से अत्यंत दूर के ऐसे आकाशीय पिंडों का भी पता लगाया जा सकता है, जो केवल ढाई किलोमीटर ही बड़े क्यों न हों। इसे सुनिश्चित करने के लिए, कि जिन पिंडों का पता चला है, वे शनि ग्रह के पास से गुजरते हुए कोई क्षुद्रग्रह (एस्टोराइड) आदि नहीं बल्कि वाकई उस के उपग्रह हैं, पूरे 2 वर्षों तक उनकी परिक्रमा कक्षाओं पर नजर रखी गई। कोलंबिया विश्वविद्य़ालय ने इसकी पुष्टि हो जाने के बाद ही सूचित किया कि शनि ग्रह के 62 ऩए उपग्रह मिले हैं। इसके साथ ही शनि के अब तक ज्ञात उपग्रहों की कुल संख्या बढ़कर 145 हो गई है। हमारे सौरमंडल का वह अकेला ऐसा ग्रह है जिसके पास 100 से अधिक उपग्रह हैं। अनोखी परिक्रमा कक्षाएं : इन सभी उपग्रहों की एक अलग ही विशेषता यह पाई गई है कि उनकी परिक्रमा कक्षाएं वृत्ताकार नहीं, बल्कि दीर्घवृत्ताकर (एलिप्टिकल) हैं और उनका झुकाव शनि के सौर परिक्रमा कक्षा-तल के विपरीत है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शनि के इन नए उपग्रहों की परिक्रमा कक्षाओं में मिले इस अनोखेपन का कारण शनि के ही बड़े आकार के उपग्रहों से कभी उनका टकरा जाना रहा हो सकता है। अनुमान यह भी है कि शनि के ये उपग्रह हमेशा नहीं रहे हैं, बल्कि पिछले 10 करोड़ वर्षों में ही बने हैं। मंगल पर कभी नदियां बहती थीं : हमारे सौरमंडल के पृथ्वी के बाद के चौथे ग्रह मंगल के बारे में अब यह सुनिश्चित लगता है कि उस पर कभी बड़ी मात्रा में तरल पानी बहा करता था। वहां झीलें, सागर और नदियां हुआ करती थीं। मंगल ग्रह पर विचरण कर रहे अमेरिकी रोवर 'पर्सिविअरंस' ने वहां के जेजेरो क्रेटर के ऐसे चित्र भेजे हैं जिनसे पता चलता है कि वहां कभी बलखाती नदियां भी हुआ करती थीं। इन चित्रों से यह संकेत भी मिलता है कि वहां ऐसी कई नदियां और जलधाराएं रही होंगी, जो जेजेरो क्रेटर में अपना पानी उड़ेला करती थीं। क्रेटर के चित्रों में गिट्टियां और रेतीले निक्षेप दिखाई पड़ने को इसका प्रमाण माना जा रहा है। वह जगह, जहां रोवर 'पर्सिविअरंस' को नदियों के निशान मिले हैं, उसे अंतरिक्ष यान आदि में बैठकर दूरदर्शी द्वारा देखा भी जा सकता है। इस जगह को 'श्रिंकल हैवन' नाम दिया गया है। चित्रों में मिट्टी की ऐसी लहरदार परतें भी दिखती हैं, जो बहते पानी से बना करती हैं। मिट्टी की लहरदार परतें : वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये लहरदार परतें कभी बहुत ऊंची और मोटी रही होंगी। मंगल ग्रह पर चलने वाली आंधियों जैसी तेज हवाओं ने उनके ऊपरी हिस्से छीलते हुए समय के साथ उनका आकार काफ़ी घटा दिया लगता है। ऐसी परतें पृथ्वी पर भी मिलती हैं किंतु पृथ्वी पर उन पर घास-फूस उग जाने से उनका बहुत अधिक क्षरण नहीं हो पाता। मंगल पर घास-फूस होने के कोई संकेत अभी तक नहीं मिले हैं। 'श्रिंकल हैवन' से 450 मीटर दूर 'पिनस्टैंड' नाम की जगह पर भी पानी के बहाव से बने ऐसे ही कुछ निक्षेप मिले हैं, जो 20 मीटर तक ऊंचे हैं। पृथ्वी पर नदियों आदि की सामग्री से बने इतने ऊंचे निक्षेप नहीं मिलते। वैज्ञानिक बहुत खुश हैं कि मंगल पर कभी पानी रहा होने के पहली बार ऐसे अनपेक्षित निशान मिले हैं। स्मरणीय है कि 'पर्सिविअरंस' को मंगल ग्रह पर वास्तव में बैक्टीरिया आदि जैसे आरंभिक जीवन के निशान ढूंढने के लिए 30 जुलाई 2020 को मंगल ग्रह की दिशा में रवाना किया गया था। 18 फरवरी 2021 के दिन वह मंगल ग्रह के जेजोरो क्रेटर में उतरा था। तभी से वह वहां घूम-फिर रहा है और फोटो लेने के साथ-साथ वहां की मिट्टी और चट्टानों के नमूने भी एकत्रित कर रहा है। Edited by: Ravindra Gupta (इस लेख में व्यक्त विचार/ विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/ विश्लेषण 'वेबदुनिया' के नहीं हैं और 'वेबदुनिया' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेती है।) Deltin 7 Texas Holdem No Deposit Bonus Get the Good Times Rolling at the Online Casino! Get the Best Odds With Us! Weather Forecast: मौसम के बदलते मिजाज के कारण राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में गर्मी में भी सुहावना मौसम का लोग लुत्फ उठा रहे हैं। बीच-बीच में होने वाली बारिश (Rain) और बूंदाबादी ने लगातार लोगों को गर्मी के तपिश से बचाया है। इस बीच लोगों को मानसून (Monsoon Update) का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का लेटेस्ट अपडेट लोगों को परेशानी हो सकती है। IMD के अनुसार 8 से 11 जून के बीच तापमान बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने पहले ही बताया था कि बिहार में 7 से 11 जून, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 7 से 10 जून के बीच हीटवेव जारी रहेगी। 7 जून से 11 जून के बीच, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, रायलसीमा, तेलंगाना, झारखंड और तटीय आंध्र प्रदेश सहित क्षेत्रों में लू जारी रहने की उम्मीद है। इस बीच विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटों में केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए स्थितियां अनुकूल हो रही हैं। पूर्वी मध्य और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान बिपरजोय धीरे-धीरे उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। 7 जून को 5.30 बजे यह अक्षांश 12.6 उत्तर और 66.1 देशांतर पूर्व के पास था। गोवा से लगभग 890 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, मुंबई से 1,000 किमी दक्षिण-पश्चिम और पोरबंदर से 1,070 किमी दक्षिण-पश्चिम में था। इसके अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर की ओर बढ़ने और एक बहुत गंभीर चक्रवात में बदलने की उम्मीद है। इसके बाद यह उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा। पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और उससे जुड़ने वाले क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और पंजाब पर बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ पर बना हुआ है। एक ट्रफ पूर्वी बिहार से पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना होते हुए उत्तर आंतरिक कर्नाटक तक जा रही है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र म्यांमार तट के पास बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट के अनुसार आज गुरुवार को गंभीर चक्रवात बिपारजॉय अगले 24 घंटों में अति भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा। यह कुछ समय के लिए उत्तर दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा और फिर उत्तर-उत्तर पश्चिम की दिशा में मुड़ जाएगा। आज गुरुवार को लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और केरल में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो भारी बारिश हो सकती है। रायलसीमा, कर्नाटक और पश्चिमी हिमालय में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। राजस्थान में धूलभरी आंधी की गतिविधियों के साथ हल्की बारिश हो सकती है। दक्षिण महाराष्ट्र, तेलंगाना, तटीय आंध्रप्रदेश, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तरी पंजाब और सिक्किम में हल्की बारिश संभव है। दिल्ली में 4-5 दिनों तक लू चलने की आशंका नहीं : दिल्ली के अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होने का अनुमान है, लेकिन अगले 4 से 5 दिन तक लू की आशंका नहीं है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जबकि अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री कम है। एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ-कुछ समय के अंतराल पर बारिश होने से दिल्ली में जून महीने की शुरुआत में उतनी गर्मी नहीं रही है जितनी होती है। इस महीने में अधिकतम तापमान अब तक 40 डिग्री के नीचे ही रहा है। आईएमडी के अनुसार सफदरजंग वेधशाला ने इस साल अब तक लू की स्थिति दर्ज नहीं की है और ऐसा 2014 के बाद पहली बार हुआ है। मौसम विज्ञानियों ने इस मानसून-पूर्व मौसम (मार्च से मई) में अधिक वर्षा और सामान्य से कम तापमान के लिए सामान्य से अधिक पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार ठहराया है। यह मौसम प्रणाली भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती है और उत्तर-पश्चिम भारत में इससे बेमौसम बारिश होती है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आगे लू नहीं चलेगी। केरल में मानसून की शुरुआत में पहले ही देरी हो चुकी है और मौसम विज्ञानियों ने चक्रवात बिपारजॉय के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप से आगे मानसून में धीमी प्रगति की आशंका जताई है और राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। आईएमडी ने पिछले महीने उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य या सामान्य से कम मानसून का अनुमान जताया था जिसका अर्थ है अधिक शुष्क और गर्म दिन। आईएमडी के अनुसार दिल्ली में 36 साल में मई का महीना पहली बार बेहद कम गर्म दर्ज किया गया। इस बार अधिक बारिश के कारण अधिकतम तापमान औसतन 36.8 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया। मौसम केंद्र ने पिछले साल मानसून-पूर्व मौसम में 9 अप्रैल और 4 मई के बीच 13 दिन लू की स्थिति दर्ज की थी। वर्ष 2021 में इस अवधि के दौरान सिर्फ 1 दिन, 2020 में 4 दिन और 2019 में भी 1 दिन लू चली थी। लू की स्थिति तब होती है, जब किसी मौसम केंद्र पर अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पर्वतीय क्षेत्रों में 30 डिग्री तक पहुंच जाता है और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री तापमान अधिक होता है। Edited by: Ravindra Gupta
भारत स्टार्क को लेकर गंभीर Online Casino India, हेड ने अपना 14वां टेस्ट अर्धशतक शार्दुल ठाकुर पर डीप प्वाइंट में चौका जड़कर पूरा किया।रविंद्र जडेजा को 39वें ओवर में गेंदबाजी के लिये लगाया गया जिन्होंने अपने सात ओवर में ज्यादा रन नहीं दिये।उमेश यादव को सत्र के अंत में गेंदबाजी के लिये वापस लाया गया लेकिन वह कोई सफलता नहीं दिला सके।
Play Safe - Win Better! Deltin 7 Sign Up जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है वेबदुनिया की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 7 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी : दिनांक 7 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 7 होगा। यह अंक वरूण ग्रह से संचालित होता है। आप खुले दिल के व्यक्ति हैं। आपकी प्रवृत्ति जल की तरह होती है। जिस तरह जल अपनी राह स्वयं बना लेता है वैसे ही आप भी तमाम बाधाओं को पार कर अपनी मंजिल पाने में कामयाब होते हैं। 4. शोर को रोकना: ग्रीन रूफ के कारण बहार और अंदर का शोर परिवेशीय हो जाता है। ग्रीन रूफ साउंड बैरियर के रूप में काम करती है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से वातावरण शांत रहता है।
मिथुन संक्रांति 2023 सूर्य देव 15 जून 2023 को मिथुन में प्रवेश कर रहे हैं जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। 15 जून को सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए इसे मिथुन संक्रांति कहा जाएगा। 15 जून 2023 को मिथुन संक्रांति का समय शाम को 06 बजकर 29 मिनट पर है। इस समय सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और इस परिवर्तन का सारी राशियों पर असर होगा। Online Casino Real Money India, एलोवेरा Aloe Vera Gwarpatha का नाम इन दिनों बहुत लिया जा रहा है। हेल्थ और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इसका भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। एलोवेरा को ग्वारपाठा, घृत कुमारी या क्वारगंदल कहते हैं। यह पौधा कई प्रकार के औषधीय गुणों से संपन्न है। यह दर्द निवारक, जले घावों पर, चोट में, गठिया में, पुराना बुखार, चर्म रोग, अस्थमा, पेट व आंत के रोगों तथा कोलेस्ट्रॉल कम करने और कैंसर जैसे रोग में भी उपयोगी है।
इसके बाद भारत के सेमीफाइनल की आस लगभग खत्म ही हो गई थी। भारत इस आस में बैठा था कि न्यूजीलैंड अफगानिस्तान से हार जाए लेकिन न्यूजीलैंड की 8 विकेटों की जीत से भारत बाहर हो गया। भारतीय टीम ने अफगानिस्तान, स्कॉटलैंड और नामिबिया जैसी टीमों के खिलाफ जरूर बड़ी जीतें हासिल की लेकिन यह ना फैंस को खुश कर सकी ना टीम को। Euro Cup Football 5. आग प्रतिरोधी श्रमता: ग्रीन रूफ में पौधे होने के कारण काफी नमी बनी रहती है जिससे आग लगने का खतरा कम होता है। अपने घर या बिल्डिंग को आग प्रतिरोधी बनाने के लिए आप ग्रीन रूफ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकते हैं।