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सिंगूर (प.बंगाल)। तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के नेता अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने सोमवार को आरोप लगाया कि उनके परिवार का ‘उत्पीड़न’ किया जा रहा है ताकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें जनसंपर्क करने से रोका जा सके। अभिषेक की पत्नी रुजिरा को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की उड़ान पर सवार होने से सोमवार को रोका गया। हुगली जिले के सिंगूर में प्रेस कॉन्फेंस को संबोधित करते हुए बनर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय को चुनौती दी कि एजेंसी उन्हें या उनकी पत्नी को गिरफ्तार करके दिखाए। उन्होंने दावा किया कि मैं जनता के अलावा किसी के समक्ष सिर नहीं झुकाउंगा। ईडी ने मेरी पत्नी को समन किया है क्योंकि वे (भाजपा) मेरे जनसंपर्क अभियान को रोकना चाहते हैं। भाजपा अभियान के दौरान मिलने वाले जनसमर्थन से चिंतित है और इसलिए वे मेरे परिवार का उत्पीड़न कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने दावा किया कि ईडी द्वारा उनकी पत्नी को विदेश जाने की उड़ान से रोका जाना उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है, जिसने कहा है कि दंपति के विदेश जाने पर कोई रोक नहीं है। अभिषेक ने दावा किया कि मैं ईडी को चुनौती देता हूं कि अगर भ्रष्टाचार के आरोप के कोई सबूत है तो वे मुझे या मेरी पत्नी को गिरफ्तार करके दिखाएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा हमसे राजनीतिक रूप से लड़ नहीं सकते, इसलिए हमारा उत्पीड़न कर रहे हैं। अगर वे चाहते हैं तो वे मेरे बच्चों को भी गिरफ्तार कर सकते हैं। तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के ‘उल्लंघन’ के खिलाफ अदालत का रुख करेंगे। रुजिरा बनर्जी के वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल को कथित तौर पर यूईए जाने वाली उड़ान पर ईडी द्वारा जारी ‘लुकआउट’ नोटिस का हवाला देते हुए सवार होने से रोक दिया गया था। ईडी ने रुजिरा को 8 जून को पेश होने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि रुजिरा सुबह करीब 7 बजे अपने दो बच्चों के साथ कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची थीं लेकिन उन्हें आव्रजन काउंटर से पहले ही रोक दिया गया। अभिषेक अप्रैल से ही ‘तृणमूले नबोज्वार’ (तृणमूल नयी तरंग) नाम से राज्यव्यापी यात्रा कर रहे हैं। एजेंसियां Andar Bahar Game Trick, 72 hoorain movie controversy: दुनिया भर में आतंकवाद एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। बीते दिनों आतंकवाद पर आधारित फिल्म 'द केरल स्टोरी' रिलीज हुई थी, इस फिल्म को लेकर खूब विवाद हुआ था। हालांकि 'द केरल स्टोरी' ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है। वहीं हाल ही में आतंकवाद के मुद्दे पर आधारित एक और फिल्म '72 हूरें' का फर्स्ट लुक और टीजर रिलीज हुआ है।

उपरोक्त सभी सर्वे का ट्रेंड बता रहा है कि कांग्रेस तेज़ी से बढ़त बनाते हुए जनता की आवाज़ बन रही है। वहीं बीजेपी की हालत आए दिन ख़राब होती जा रही है। यानी साफ है कि इस बार बीजेपी 50 से भी कम सीटों पर सिमट जाएगी। Deltin 7 Texas Holdem Poker Online Good Luck! Take Your Chance To Win! Play Big and Win Bigger at our online casino! ट्रेविस हेड के नाबाद शतक और स्टीव स्मिथ के नाबाद अर्धशतक से आस्ट्रेलिया ने बुधवार को यहां भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के पहले दिन स्टंप तक 85 ओवर में तीन विकेट पर 327 रन बनाये।

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Sharad Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने बुधवार को कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ जांच शुरू होना राहत की बात है। बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। पवार ने पत्रकारों से कहा कि प्रदर्शन कर रहे पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार का कहना है कि पहले जांच की जाएगी, फिर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि जांच शुरू होना राहत की बात है। पहलवान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं, हालांकि बृजभूषण ने अपने ऊपर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से इंकार किया है। सरकार ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के कुछ दिन बाद उन्हें (पहलवानों को) उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को आधी रात के बाद ट्वीट किया कि सरकार, पहलवानों के साथ उनके मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छुक है। उन्होंने कहा कि मैंने पहलवानों को एक बार फिर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के सिलसिले में बृजभूषण के सहयोगियों और उत्तरप्रदेश के गोंडा स्थित उनके आवास पर काम करने वाले लोगों के मंगलवार को बयान दर्ज किए थे, वहीं जिस नाबालिग के बयान के आधार पर बृजभूषण के खिलाफ यौन शोषण से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है, उसका बयान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-164 के तहत एक बार फिर दर्ज किया गया है। इस बीच राकांपा के कुछ नेताओं के तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पार्टी में शामिल होने की योजना के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यह हमारे लिए चिंता का विषय नहीं है। बीआरएस के महाराष्ट्र में पैर जमाने की कोशिश करने के सवाल पर राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि बीआरएस के राज्य में पैर जमाने की कोशिशों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हम देखेंगे कि वे महाराष्ट्र में क्या कर सकते हैं?(भाषा) Edited by: Ravindra Gupta Andar Bahar Tricks, ज़िंदा तो इंसानी खाल में है आदमी भीतर पर अलग हाल में है आदमी अपने आप से बहुत अलग है वो जाने किसकी खाल में है आदमी तहज़ीब का ढोंग सलीके से करे चतुर अपनी चाल में है आदमी लफ्ज़ों की नरमी पे मत जाना कभी खूँखार बड़ा इस हाल में है आदमी दिल से बहुत बड़ा कर लिया दिमाग मायावी चाल ढाल में है आदमी

Get Lucky with Our Gambling Platform! Deltin 7 Review जब प्रदूषण स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो स्वास्थ्य के लिए घातक हो जाता है, और तमाम तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि फेफड़ों में संक्रमण व आंख, नाक व गले में कई तरह की बीमारियों और ब्लड कैंसर जैसी तमाम घातक बीमारियों को जन्म देता है। अगर क्षेत्र में वायु प्रदूषण मानकों से ज्यादा है तो लोगों को मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे कि वायु में मिले हुए घातक तत्वों और गैसों से काफी हद तक बचा जा सके। आज प्रदूषण को कम करने के लिए हमारी सरकारों को नियमों को सख्ती से लागू करना होगा। अगर लोग देश में निजी वाहनों कि जगह सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करें तो वायु प्रदूषणों को नियंत्रित किया जा सकता है, इसके लिए लोगों को खुद सोचना होगा। अगर कोई नियम तोड़ता है तो उस पर जुर्माने का प्रावधान हो। तभी देश में वायु प्रदूषण से निपटा जा सकता है। अगर देश में वायु प्रदूषण से जुडे हुये कानूनों का सख्ती से पालन हो तो वायु प्रदूषण जैसी समस्या से आसानी से निपटा जा सकता है। इससे पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी। आज यदि धरती के स्वरूप को गौर से देखा जाए तो साफ पता चल जाता है कि आज नदियां, पर्वत, समुद्र, पेड़ और भूमि तक लगातार क्षरण की अवस्था में हैं। और यह भी अब सबको स्पष्ट दिख रहा है कि आज कोई भी देश, कोई भी सरकार, कोई भी समाज इनके लिए उतना गंभीर नहीं है जितने की जरूरत है। बेशक लंदन की टेम्स नदी को साफ करके उसे पुनर्जीवन प्रदान करने जैसे प्रशंसनीय और अनुकरणीय प्रयास भी हो रहे हैं मगर यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान हैं। ऐसे अनुकरणीय प्रयास भारत में भी हो सकते हैं जिसके द्वारा भारत की प्रदूषित नदियों को निर्मल और अविरल बनाया जा सकता है। चाहे वह गंगा नदी हो या यमुना नदी इस सबके लिए जरूरी है दृढ़ इच्छा शक्ति की जो कि भारतीय सरकार के साथ-साथ भारत के हर इंसान में होनी चाहिए। आज जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण पृथ्वी के ऊपर से हरा आवरण लगातार घटता जा रहा है जो पर्यावरणीय असंतुलन को जन्म दे रहा है। पर्यावरणीय संतुलन के लिए वनों का संरक्षण और नदियों का विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है। अब समय आ गया है कि धरती को बचाने की मुहिम को इंसान को बचाने के मिशन के रूप में बदलना होगा क्योंकि मनुष्य और पर्यावरण का परस्पर गहरा संबंध है। पर्यावरण यदि प्रदूषित हुआ, तो इसका प्रभाव मनुष्य पर पड़ेगा और मनुष्य का स्वास्थ्य बिगड़ेगा और जनस्वास्थ्य को शत-प्रतिशत उपलब्ध कर सकना किसी भी प्रकार संभव न हो सकेगा। सभी जानते हैं कि इंसान बड़े-बड़े पर्वत नहीं खड़े कर सकता, बेशक चाह कर भी नए साफ समुद्र नहीं बनाए जा सकते और, किंतु यह प्रयास तो किया ही जा सकता है कि इन्हें दोबारा से जीवन प्रदान करने के लिए संजीदगी से प्रयास किया जाए। भारत में तो हाल और भी बुरा है। जिस देश को प्रकृति ने अपने हर अनमोल रत्न, पेड, जंगल, धूप, बारिश, नदी, पहाड़, उर्वर मिट्टी से नवाजा हो, और उसको मुकुट के सामान हिमालय पर्वत दिया हो और हार के समान गंगा, यमुना, नर्मदा जैसी नदियां दी हों यदि वो भी इसका महत्व न समझते हुए इसके नाश में लीन हो जाए तो इससे अधिक अफसोस की बात और क्या हो सकती है। आज यह सब पर्यावरणीय समस्याएं विश्व के सामने मुंह बाए खड़ी हैं। विकास की अंधी दौड़ के पीछे मानव प्रकृति का नाश करने लगा है। सब कुछ पाने की लालसा में वह प्रकृति के नियमों को तोड़ने लगा है। प्रकृति तभी तक साथ देती है, जब तक उसके नियमों के मुताबिक उससे लिया जाए। इसके लिए सबसे सरल उपाय है कि पूरी धरती को हरा भरा कर दिया जाए। इतनी अधिक मात्रा में धरती पर पेड़ों को लगाया जाए कि धरती पर इंसान द्वारा किया जा रहा सारा विष वमन वे वृक्ष अपने भीतर सोख सकें और पर्यावरण को भी सबल बनने के उर्जा प्रदान कर सकें। क्या अच्छा हो यदि कुछ छोटे-छोटे कदम उठा कर लोगों को धरती के प्रति, पेड़ पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बड़े-बड़े सम्मेलनों, आशावादी समझौतों आदि से अच्छा तो यह होगा कि इन उपायों पर काम किया जाए। लोगों को बताया समझाया और महसूस कराया जाए कि पेड़ बचेंगे, तो धरती बचेगी, धरती बचेगी, तो इंसान बचेगा। सरकार यदि ऐसे कुछ उपाय अपनाए तो परिणाम सुखद आएंगे। आज विवाह, जन्मदिन, पार्टी और अन्य ऐसे समारोहों पर उपहार स्वरूप पौधों को देने की परंपरा शुरू की जाए। फिर चाहे वो पौधा, तुलसी का हो या गुलाब का, नीम का हो या गेंदे का। इससे कम से कम लोगों में पेड पौधों के प्रति एक लगाव की शुरुआत तो होगी। और लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आएगी और ईको फ्रेंडली फैशन की भी शुरुआत होगी। और सभी शिक्षण संस्थानों, स्कूल कॉलेज आदि में विद्यार्थियों को, उनके प्रोजेक्ट के रूप में विद्यालय प्रांगण में, घर के आसपास, और अन्य परिसरों में पेड पौधों को लगाने का कार्य दिया जाए। रद्द हो सकता है एशिया कप

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ब्रेन ट्यूमर भी (brain tumor) कैंसर की तरह ही एक जीवन घातक बीमारी है। समय रहते इस बीमारी का इलाज कराने पर जीवन को बचाया जा सकता है। लेकिन गंभीर बीमारी के लक्षण पता नहीं होने पर समय हाथ से निकल जाता है। आम जानकारी के तौर पर ब्रेन ट्यूमर से जुड़े कुछ संकेत हैं जिन्हें पहचान कर समय पर इलाज संभव हो सकता है। इसी रोग के प्र‍ति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 जून को विश्‍व ब्रेन ट्यूमर दिवस या वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे (World Brain Tumour Day) मनाया जाता है। क्या होता है ब्रेन ट्यूमर : ज्ञात हो कि दिमाग में करीब 100,000,000,000 ब्रेन सेल्स होती है। जिसकी मदद से मस्तिष्क काम करता है। लेकिन कोशिकाओं का नियंत्रण बिगड़ने से दिमाग के सेल्स नष्ट होने लगते हैं और वह एक कैंसर के रूप में फैलने लगती है। इससे ब्रेन ट्यूमर हो जाता है। आइए जानते हैं क्या है 10 संकेत : 1. बहुत अधिक सिरदर्द होने पर दवा लेना, लेकिन इसके बाद भी आराम नहीं मिलने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। 2. कई बार आंखों से संबंधित परेशानी होने लगती है उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बार-बार धुंधलापन दिखना, रंगों को समझने में परेशानी होना, आंखों का कमजोर होना। 3. ब्रेन ट्यूमर होने के कई तरह के संकेत है। अगर बॉडी में किसी प्रकार के झटके महसूस होते हैं, चक्कर आना, बिना किसी कारण के कंपन होना भी इस बीमारी के संकेत है। 4. कई बार लोग चीजें रखकर भूल जाते हैं लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता है। अगर आपके साथ बार-बार ऐसा हो रहा है, छोटी-छोटी चीजें रखकर भूलने लग जाते हैं। साथ ही नींद से जुड़ी परेशानी भी होने लगती है। 5. जब दिमाग को आराम नहीं मिलता है तो वह सुन्न पड़ने लगता है। यह सुन्नपन चेहरे से भी हो सकता है। थोड़ी देर में आराम नहीं मिलने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं। 6. ब्रेन ट्यूमर दिमाग में होता है और बॉडी पूरी तरह से दिमाग के कंट्रोल में रहती है। लेकिन ब्लैडर पर कंट्रोल नहीं होने पर उल्टी, मितली, बेहोशी जैसी समस्या होने लगती है। 7. ब्रेन ट्यूमर के सांकेतिक लक्षण में चेहरे का रंग भी बदलने लगता है। कभी पर्पल, सफेद, ब्लू, ग्रीन रंग में त्वचा दिखने लगती है। ऐसे लक्षण दिखने पर हल्के में नहीं लें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 8. कई बार नसों में खिंचाव और तेज दर्द होने पर इंसान खुद को कंट्रोल नहीं कर पाता है। कुछ लोगों को ट्यूमर के कारण दौरे भी पड़ने लगते हैं। 9. गले में अकड़न होने के साथ ही आपका वजन लगातार बढ़ता जाएं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। 10. अगर आपको लगता है कि बोलने या सुनने में परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। इस तरह के लक्षण को नजरअंदाज नहीं करें। Disclaimer: चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो,आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। Online Andar Bahar, 15 अक्टूबर 2021 को आईपीेएल का फाइनल हुआ और 17 अक्टूबर से टी-20 विश्वकप शुरु हो गया। हालांकि 1 हफ्ते तक क्वालिफाय मैच चले और 23 अक्टूबर से मुख्य लीग शुरु हुई। भारत का अभियान ऐसा शुरु हुआ जैसा किसी ने सोचा भी नहीं होगा। चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से टीम को पहली बार किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट के मैच में पहली हार मिली वह भी 10 विकेटों से। विराट कोहली के अर्धशतक की बदौलत भारतीय टीम ने खराब शुरुआत के बावजूद 151 रन बनाए लेकिन बाबर और रिजवान के अर्धशतक ने पाक को 10 विकेटों से जीत दिला दी। इसके बाद न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने भारतीय टीम को 110 रनों पर ही रोक दिया और डेरिल मिचेल की पारी की बदौलत न्यूजीलैंड 8 विकेटों से जीत गई।

बृहस्पति और शनि हमारे सौरमंडल के क्रमश: 2 सबसे बड़े ग्रह हैं। दोनों के पास अपने अनेक उपग्रह यानी चंद्रमा हैं। लेकिन लगता है मानो दोनों के बीच होड़ चल रही है कि किस के पास सबसे अधिक चंद्रमा हैं। सूर्य से शुरू करते हुए देखने पर सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (गुरु/ Jupiter) के बाद 6ठे नंबर पर शनि दिखाई पड़ता है। पृथ्वी से 9.5 गुना बड़े 1,20,500 किलोमीटर व्यास वाले इस ग्रह को पहचानना बहुत आसान है, क्योंकि वह तश्तरीनुमा छल्लों से घिरा हुआ है। कभी बृहस्पति आगे तो कभी शनि : वैज्ञानिकों को पिछले कुछ वर्षों की अपनी खोजों में इन दोनों विराट ग्रहों के नए-नए उपग्रहों का सुराग मिलता रहा है। कभी बृहस्पति (Jupiter) की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों की संख्या बढ़ गई तो कभी शनि (Saturn) के उपग्रहों की संख्या सबसे अधिक निकली। हाल ही की एक नई खोज में एक ही बार में शनि के 62 ऩए उपग्रहों का पता चला। रिंगनुमा वलयों से घिरे इस अनोखे ग्रह के उपग्रहों की कुल संख्या एक ही बार में अब 100 का आंकड़ा पार कर गई है। 5 ही वर्ष पूर्व 2018 की चंद्र-गणना के समय बृहस्पति के 12 नए चंद्रमा मिले थे और वह शनि को पीछे छोड़कर सबसे अधिक चंद्रमाओं का मालिक बन गया था। 2019 में शनि के भी 20 नए चंद्रमाओं का पता चला। 2023 के आरंभ में बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या में 12 और नाम जुड़ गए। इस प्रकार उसके सभी चंद्रमाओं की संख्या बढ़कर 92 हो गई। उस समय शनि के चंद्रमाओं की कुल संख्या 83 थी। कम्प्यूटर आधारित विशेष विधि : शनि के 62 नए चंद्रमा अमेरिका में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्य़ालय के खगोलविदों की खोज हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका के ही हवाई द्वीप पर के एक दूरदर्शी (टेलीस्कोप) को 2019 से शनि पर केंद्रित कर रखा था। टेलीस्कोप द्वारा ली गईं तस्वीरों का उन्होंने कम्प्यूटर आधारित एक विशेष विधि की सहायता से विश्लेषण किया। 'स्टेपल मेथड' नाम की इस विधि से अत्यंत दूर के ऐसे आकाशीय पिंडों का भी पता लगाया जा सकता है, जो केवल ढाई किलोमीटर ही बड़े क्यों न हों। इसे सुनिश्चित करने के लिए, कि जिन पिंडों का पता चला है, वे शनि ग्रह के पास से गुजरते हुए कोई क्षुद्रग्रह (एस्टोराइड) आदि नहीं बल्कि वाकई उस के उपग्रह हैं, पूरे 2 वर्षों तक उनकी परिक्रमा कक्षाओं पर नजर रखी गई। कोलंबिया विश्वविद्य़ालय ने इसकी पुष्टि हो जाने के बाद ही सूचित किया कि शनि ग्रह के 62 ऩए उपग्रह मिले हैं। इसके साथ ही शनि के अब तक ज्ञात उपग्रहों की कुल संख्या बढ़कर 145 हो गई है। हमारे सौरमंडल का वह अकेला ऐसा ग्रह है जिसके पास 100 से अधिक उपग्रह हैं। अनोखी परिक्रमा कक्षाएं : इन सभी उपग्रहों की एक अलग ही विशेषता यह पाई गई है कि उनकी परिक्रमा कक्षाएं वृत्ताकार नहीं, बल्कि दीर्घवृत्ताकर (एलिप्टिकल) हैं और उनका झुकाव शनि के सौर परिक्रमा कक्षा-तल के विपरीत है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शनि के इन नए उपग्रहों की परिक्रमा कक्षाओं में मिले इस अनोखेपन का कारण शनि के ही बड़े आकार के उपग्रहों से कभी उनका टकरा जाना रहा हो सकता है। अनुमान यह भी है कि शनि के ये उपग्रह हमेशा नहीं रहे हैं, बल्कि पिछले 10 करोड़ वर्षों में ही बने हैं। मंगल पर कभी नदियां बहती थीं : हमारे सौरमंडल के पृथ्वी के बाद के चौथे ग्रह मंगल के बारे में अब यह सुनिश्चित लगता है कि उस पर कभी बड़ी मात्रा में तरल पानी बहा करता था। वहां झीलें, सागर और नदियां हुआ करती थीं। मंगल ग्रह पर विचरण कर रहे अमेरिकी रोवर 'पर्सिविअरंस' ने वहां के जेजेरो क्रेटर के ऐसे चित्र भेजे हैं जिनसे पता चलता है कि वहां कभी बलखाती नदियां भी हुआ करती थीं। इन चित्रों से यह संकेत भी मिलता है कि वहां ऐसी कई नदियां और जलधाराएं रही होंगी, जो जेजेरो क्रेटर में अपना पानी उड़ेला करती थीं। क्रेटर के चित्रों में गिट्टियां और रेतीले निक्षेप दिखाई पड़ने को इसका प्रमाण माना जा रहा है। वह जगह, जहां रोवर 'पर्सिविअरंस' को नदियों के निशान मिले हैं, उसे अंतरिक्ष यान आदि में बैठकर दूरदर्शी द्वारा देखा भी जा सकता है। इस जगह को 'श्रिंकल हैवन' नाम दिया गया है। चित्रों में मिट्टी की ऐसी लहरदार परतें भी दिखती हैं, जो बहते पानी से बना करती हैं। मिट्टी की लहरदार परतें : वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये लहरदार परतें कभी बहुत ऊंची और मोटी रही होंगी। मंगल ग्रह पर चलने वाली आंधियों जैसी तेज हवाओं ने उनके ऊपरी हिस्से छीलते हुए समय के साथ उनका आकार काफ़ी घटा दिया लगता है। ऐसी परतें पृथ्वी पर भी मिलती हैं किंतु पृथ्वी पर उन पर घास-फूस उग जाने से उनका बहुत अधिक क्षरण नहीं हो पाता। मंगल पर घास-फूस होने के कोई संकेत अभी तक नहीं मिले हैं। 'श्रिंकल हैवन' से 450 मीटर दूर 'पिनस्टैंड' नाम की जगह पर भी पानी के बहाव से बने ऐसे ही कुछ निक्षेप मिले हैं, जो 20 मीटर तक ऊंचे हैं। पृथ्वी पर नदियों आदि की सामग्री से बने इतने ऊंचे निक्षेप नहीं मिलते। वैज्ञानिक बहुत खुश हैं कि मंगल पर कभी पानी रहा होने के पहली बार ऐसे अनपेक्षित निशान मिले हैं। स्मरणीय है कि 'पर्सिविअरंस' को मंगल ग्रह पर वास्तव में बैक्टीरिया आदि जैसे आरंभिक जीवन के निशान ढूंढने के लिए 30 जुलाई 2020 को मंगल ग्रह की दिशा में रवाना किया गया था। 18 फरवरी 2021 के दिन वह मंगल ग्रह के जेजोरो क्रेटर में उतरा था। तभी से वह वहां घूम-फिर रहा है और फोटो लेने के साथ-साथ वहां की मिट्टी और चट्टानों के नमूने भी एकत्रित कर रहा है। Edited by: Ravindra Gupta (इस लेख में व्यक्त विचार/ विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/ विश्लेषण 'वेबदुनिया' के नहीं हैं और 'वेबदुनिया' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेती है।) Cricket Betting Odds कोरिया ने तीसरे क्वार्टर की शुरुआत भी पेनाल्टी कॉर्नर के साथ की, लेकिन इस बार भारतीय गोलकीपर अदिति माहेश्वरी ने उसे गोल नहीं करने दिया। दूसरी ओर, भारत ने कोरिया की रक्षण पंक्ति को भेदते हुए सोरेंग के गोल से 43वें मिनट में खाता खोल लिया।कोरिया ने अपनी बढ़त बरकरार रखने की कोशिश में चौथे क्वार्टर में गेंद को अपने कब्जे में रखने पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन दीपिका ने मैच खत्म होने से छह मिनट पहले पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल करके स्कोर बराबर कर दिया।